रविवार, 24 जुलाई 2011

क़ाश आज ऐसा हो जाये.............

क़ाश आज ऐसा हो जाये 
शाम गुजर जाये 
पर सुबह न  आये 
क़ाश आज ऐसा हो जाये,
मन का संशय हट जाये
और नया विश्वाश आ जाये 
कि..समय  यहीं रुक जायेगा
लक्ष्य मुझे मिल जायेगा
क़ाश आज ऐसा हो जाये,
कम्पित मन के
कल्पित भय से
मुक्ति मुझे मिल जाये
क़ाश आज ऐसा हो जाये...
क़ाश आज ऐसा हो जाये........................................  



1 टिप्पणी: